मुख्यमंत्री का पौत्र
मैं हरियाणे का नाम तो नहीं लूँगा, पर एक समय की बात है, किसी राज्य के उपहार पसन्द मुख्यमंत्री के घर पौत्र का जन्म हुआ। “बधाई हो” की रागिनी बजने लगी। अपनी हाजिरी बजाते रहने वालों को मौका मिला, पौत्र के दर्शन (असल मे मुख्यमंत्री के दर्शन के लिये, रे बाबा) बड़े-बड़े लोग आते रहे, जाते रहे। जो भी आता, वो पौत्र के लिये उपहार जरूर ला रहा था। अब जबकि बच्चा अभी दो दिन का था और उसकी पसन्द नापसन्द का किसी को अन्दाजा नहीं था, इसलिये उपहार लाने वालों ने मुख्यमंत्री के पसन्द को ही तरजीह दिया। फिर भी कोई मूर्ख ही होगा जो यह पता लगाने मे अक्षम हो कि मुख्यमंत्री जी पौत्र की पैदाईश से खुश थे या उपहारों से?
मैं हरियाणे का नाम तो नहीं लूँगा, पर एक समय की बात है, किसी राज्य के उपहार पसन्द मुख्यमंत्री के घर पौत्र का जन्म हुआ। “बधाई हो” की रागिनी बजने लगी। अपनी हाजिरी बजाते रहने वालों को मौका मिला, पौत्र के दर्शन (असल मे मुख्यमंत्री के दर्शन के लिये, रे बाबा) बड़े-बड़े लोग आते रहे, जाते रहे। जो भी आता, वो पौत्र के लिये उपहार जरूर ला रहा था। अब जबकि बच्चा अभी दो दिन का था और उसकी पसन्द नापसन्द का किसी को अन्दाजा नहीं था, इसलिये उपहार लाने वालों ने मुख्यमंत्री के पसन्द को ही तरजीह दिया। फिर भी कोई मूर्ख ही होगा जो यह पता लगाने मे अक्षम हो कि मुख्यमंत्री जी पौत्र की पैदाईश से खुश थे या उपहारों से?
एक बहुत बड़े व्यवसायी को देर से फुर्सत मिली और वो अपनी मर्सीडिज से गिरता – भागता दरबार तक पहुँचा। हाथ मे वही – ठीक ठाक सा उपहार। नन्हे के पालने तक गये पर उन्हे देख मुख्यमंत्री की खुशी का पारावार नहीं रहा। उछलते हुए व्यवसायी तक पहुंचे, मामूली उपहार को किनारे किया और व्यवसायी के हाथ से मर्सीडिज की चाभी ले ली। व्यवसायी को पालने पर झुकाते हुए मुख्यमंत्री ने, दो दिन के उस नन्ही जान को सुनाते हुए, कहा: “देखो बेटा, अंकल तुम्हारे लिये बड़ी गाड़ी लेकर आये है। अंकल को थैंक्स बोलो।” इतना कहकर महंगी कार की चाभी मुख्यमंत्री ने पालने मे डाल दिया।
मुख्यमंत्री ने कहा: “सुना आपने? ये आपको थैंक्स बोल रहा है”।
व्यवसायी ने खूब जोर लगाया तब जाकर उसे हंसी जैसी आई और कहा: “हाँ”।
मुख्यमंत्री ने कहा: “सुना आपने? ये आपको थैंक्स बोल रहा है”।
व्यवसायी ने खूब जोर लगाया तब जाकर उसे हंसी जैसी आई और कहा: “हाँ”।
वो परेशान व्यवसायी ऑटो रिक्शे से घर लौटा । कभी आप उससे मिलिये, वो बतायेगा कि वो उस ‘अब नही’ मुख्यमंत्री के कितना करीब है?
4 comments:
mazedaar kissa chandan
Iski aage ki kadi likhiye, kissa dilchasp tha... Series jaari rahe to aur achha ho.
Bahut khub chandan,achha kiya jo haryane ka nam nahi liya
bahut khub.....dainik bhaskar mein mahine bhar pehle tumko padha tha ,tab se follow kar raha hoon........bahut khub likhte ho
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