जिन्हे पानी चाहिये....
दो नौ-उम्र लड़कियाँ खड़ी
घाट की सीढ़ियों पर
एक दूसरे से बिनबोले बतियाये
खींच रहीं हैं एक ही सिगरेट के
लगातार दिलकश कश..
दोनों स्थिरचित्त हैं
जीवन में उनकी असीम आस्था
उनकी आंखो के पानी से झिलमिला रही है.
नदी निहार रही है उन्हे एकटुक
हज़ारों वर्ष पुरानी काशी भी
नाव भी
घाट, घाट की चौकी,
छतरियाँ, गोलगप्पे, कदम्ब का पेड़,
आते जाते हिन्दी के राहगीर..सब के सब
वे दोनों किसी को नहीं देख रहीं हैं.
उनदोनों नौ-उम्रों के सावलें होठों पर
खिलती है मुस्कुराहट गोया नाव से
पूछा हो: एक कश चलेगा?
नाव ने लजाते हुए इंकार किया.
चाँद और उन दोनों के चेहरे का रंग उदास हुआ है
उनके चेहरे का पानी जरा छलका
जब यह सवाल नदी की ओर उछाला.
नदी ने अपने फेफड़े में पैठे के दर्द की जामिन
बताया,
रोक दिया गया है मेरा रक्त प्रवाह
उपर कहीं हिमालयी इलाके में
लड़कियों ने भरे आखिरी कश
धुआँ उनकी आंखों में उतर आया
सिगरेट का आखिरी टुकड़ा उछाला
नदी के सीने पर जैसे रोपना हो
सिगरेट के बीज..
उठी
और चल पड़ी किसी सोच में डूबी
जैसे जाना हो इन्हे टिहरी
करना हो इन्हे नदी के फेफड़े का इलाज.
........................................................
13 comments:
सबसे पहले "उदय प्रकाश" को साहित्य अकादमी पुरूस्कार के लिए हार्दिक बधाई और शुभकामनाएं.......
सूरज! बहुत ही सुन्दर कविता है यह! आज २१वी शताब्दी में आने के बाद भी एक लड़की को कश लेते हुए सोचना एक सोच से बाहर की बात लगती है और उसमें भी अगर यह गंगा घाट पर हो तो सचमुच एक अलग ही दृश्य होगा.... आपने उस बात को इतने खूबसूरत तरीके से दिखाया है, मुझे आपकी इस कविता ने आपका एक बार और "fan" बना दिया है!!!! आप हमेशा लिखते रहिये, हम सब पाठकों के लिए.....
कविता की शुरुआत बेहद खूबसूरत है ....थोट भी खूबसूरत है ...
उदय जी को बधाई ...
उन्मुक्त विचारों की कविता....बेहतर व अलहदा !
उदय प्रकाश को पुरस्कार मिलने को लेकर अंदर की बात की अटकल।
साहित्य अकादमी पुरूस्कार के लिए हार्दिक बधाई और शुभकामनाएं.......
... sundar rachanaa ... uday ji ko badhaai va shubhakaamanaayen !!!
उदय प्रकाश ji को साहित्य अकादमी पुरूस्कार के लिए हार्दिक बधाई और शुभकामनाएं.......
badhayee.kavita bahut achchi lagi.
badhyee.bahut achchi kavita.
उदय जी को बधाई!
बहुत खूब ........ अंदाज निराला !!! निराले रचनाकार के लिए !!!
मै हृदय से आभारी हूं...! यह पुरस्कार आप सबको है! आप के कारण है..!
beautiful poetry..
Post a Comment