Saturday, June 26, 2010

नया

यह सूचना सरीखी एक भली बात है. बहुत पहले, शायद जनवरी की सर्दियों में, मैने आप सब को सूचित किया था कि मैने एक कहानी पूरी की है. शीर्षक है - नया. वो कहानी अभी हाल फिलहाल ही तहलका के पठन पाठन अंक में प्रकाशित हुई है. उस तक पहुंचने का रास्ता नीचे दिये हुए लिन्क पर एक ‘क्लिक’ मात्र से खुलता है.

नया

4 comments:

Prafull Jha said...

behtareen kahani.

addictionofcinema said...

चन्दन की कहानियों में अक्सर बिटवीन द लाइंस जो चीज़ें होती हैं वो कहानी का आयाम तय करती हैं और इस बार ये बात सबसे ज्यादा मारक है. नया में अगर सभी समझदार पाठक बिटवीन द लाइंस पढ़ सकें तो पठनीयता की कमी की जो बात उठाई जा रही वो स्वतः समाप्त हो जाएगी. पत्र तो पत्र की शैली में ही लिखा जायेगा न....शानदार कहानी

Anonymous said...

sir, aapane sahee kahaa ki patr to patr kee shailee me hee likha jayega. isee tark ke sahare mai kahana chahata hoon ki kahanee me kahaneepan to chahiye na. durbhagya se is kahanee me kahaneepan bilkul nahee hai. nitant ubaau aur apathaneey.

rajaneesh kumar

Anonymous said...

chandan achhe kathakar hain. lekin is bar rajaneesh jee se sahamat.

prafull ranjan